BEd DElEd New Rule: शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने देश की शिक्षण व्यवस्था को सशक्त और व्यावसायिक बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। नए नियमों के तहत अब दो वर्षीय B.Ed कोर्स को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा, साथ ही D.El.Ed के साथ इसे संयुक्त रूप से करने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। इस फैसले का सीधा असर उन लाखों युवाओं पर पड़ेगा जो शिक्षक बनने की तैयारी में हैं।
अब नहीं कर सकेंगे एक साथ B.Ed और D.El.Ed
नई व्यवस्था में स्पष्ट कर दिया गया है कि छात्र अब एक ही समय में B.Ed और D.El.Ed जैसे दो शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम नहीं कर सकेंगे। इससे पहले कई अभ्यर्थी दोनों कोर्स को एक साथ करने की कोशिश कर रहे थे, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर असर पड़ता था। लेकिन अब नए दिशा-निर्देशों के अनुसार एक समय में केवल एक कोर्स मान्य होगा।
लागू होगा नया एक वर्षीय शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
NCTE द्वारा वर्ष 2026-27 से एक नया एक वर्षीय शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया जाएगा। यह कोर्स विशेष रूप से उन छात्रों के लिए होगा जिन्होंने पहले से स्नातक या स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त कर रखी है। इस पाठ्यक्रम को NCTE की मान्यता प्राप्त होगी और यह भविष्य के सरकारी स्कूल शिक्षकों के लिए अनिवार्य हो सकता है।
अब जरूरी होगी 6 महीने की इंटर्नशिप
नए नियमों के तहत, प्रशिक्षु शिक्षकों को अब छह महीने की इंटर्नशिप करना अनिवार्य होगा। यह इंटर्नशिप सरकारी स्कूलों में कराई जाएगी, जिससे छात्रों को वास्तविक कक्षा का अनुभव मिल सके। इस व्यवस्था से शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा और प्रशिक्षु शिक्षक व्यवहारिक अनुभव के साथ स्कूलों में अपनी भूमिका निभा सकेंगे।
ऑफलाइन माध्यम से होगी ट्रेनिंग
शिक्षा मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब B.Ed और D.El.Ed जैसे कोर्सेज़ की ट्रेनिंग पूरी तरह से ऑफलाइन माध्यम से कराई जाएगी। छात्रों को क्लासरूम की वास्तविक परिस्थितियों से रूबरू कराया जाएगा ताकि वे भविष्य में पढ़ाने की चुनौतियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें।
एनसीटीई ने जारी की गाइडलाइन
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी प्रशिक्षण संस्था नए नियमों के तहत ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू करेगी। इसमें संस्थान को कोर्स की स्ट्रक्चर फीस, इंटर्नशिप की प्रकृति और सिलेबस से जुड़ी सारी जानकारी छात्रों को पहले से देना अनिवार्य होगा।
शिक्षकों की गुणवत्ता में आएगा सुधार
सरकार का यह फैसला उन शिकायतों को ध्यान में रखकर लिया गया है, जिनमें कहा गया था कि प्रशिक्षण कोर्स में केवल डिग्री मिलने पर फोकस किया जा रहा है, न कि गुणवत्ता पर। अब एक वर्षीय कोर्स, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और इंटर्नशिप जैसी व्यवस्थाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि भविष्य में स्कूलों में बेहतर शिक्षक नियुक्त हो सकें।
भविष्य के लिए क्या संकेत देता है यह बदलाव?
यह निर्णय न केवल मौजूदा शिक्षण व्यवस्था में बदलाव का संकेत है, बल्कि आने वाले समय में शिक्षक बनने की प्रक्रिया को पूरी तरह से प्रोफेशनल और आधुनिक बनाए जाने की दिशा में एक ठोस कदम भी है। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि योग्य और समर्पित शिक्षक भी तैयार होंगे।