सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मिलेगा ₹25000 तक न्यूनतम वेतन UP Outsourcing Employees Salary News

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UP Outsourcing Employees Salary News: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब इन संविदा कर्मचारियों को न केवल बेहतर वेतन देने की घोषणा की है, बल्कि समय पर सैलरी भुगतान और आरक्षण लागू करने जैसे फैसलों को भी मंजूरी दी है। इस निर्णय से सरकार की मंशा स्पष्ट होती है कि राज्य में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को सम्मानजनक जीवन और काम का माहौल दिया जाए।

राज्य में न्यूनतम वेतन की सीमा तय

हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब किसी भी विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग स्टाफ को ₹16,000 से कम वेतन नहीं दिया जाएगा। मंत्री अनिल राजभर ने जानकारी दी कि सरकार द्वारा अब आउटसोर्सिंग एजेंसियों की सख्त निगरानी की जाएगी और तयशुदा न्यूनतम वेतन नियम का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कुछ पदों पर मिलेगी ₹25,000 तक की सैलरी

सरकार द्वारा जारी किए गए नए वेतन ड्राफ्ट के अनुसार प्रथम श्रेणी के पदों पर नियुक्त कर्मचारियों को ₹25,000 तक मासिक वेतन दिया जाएगा। इनमें लेक्चरर, प्रोजेक्ट ऑफिसर, असिस्टेंट आर्किटेक्ट, अकाउंटेंट ऑफिसर जैसे पद शामिल हैं, जिनके लिए स्नातक डिग्री अनिवार्य है। इसके अलावा द्वितीय श्रेणी को ₹21,500, तृतीय श्रेणी को ₹18,000 और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ₹15,000 प्रतिमाह देने की व्यवस्था की गई है।

हर महीने की 5 तारीख को मिलेगी सैलरी

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने की शिकायतें अक्सर सामने आती थीं। सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए यह तय किया है कि अब हर माह की 5 तारीख तक सभी कर्मचारियों के बैंक खाते में वेतन ट्रांसफर कर दिया जाएगा। साथ ही, भविष्य निधि (PF) की राशि भी तय समय पर कर्मचारियों के खातों में जमा की जाएगी।

स्वास्थ्य लाभ और अवकाश की भी व्यवस्था

नई नीति के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों को सिर्फ वेतन ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाएं और छुट्टियों का भी लाभ दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इन सुविधाओं से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में सुधार होगा और वे ज्यादा आत्मविश्वास के साथ काम कर सकेंगे।

आउटसोर्स भर्तियों में आरक्षण का लाभ

सरकार ने यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आउटसोर्सिंग के तहत होने वाली सभी नई भर्तियों में आरक्षण नीति का पालन अनिवार्य होगा। इसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, दिव्यांग और पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को मिलेगा अवसर

राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि तलाकशुदा, परित्यक्ता और निराश्रित महिलाओं को आउटसोर्सिंग नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। सभी विभागों और सरकारी संस्थानों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि महिलाओं को अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए।

सेवा निगरानी के लिए बनेगा नया निगम

कैबिनेट बैठक में एक नए आउटसोर्स सेवा निगम के गठन का भी प्रस्ताव पारित हुआ है, जो इन कर्मचारियों की सेवाओं की निगरानी करेगा और शिकायतों का निपटारा करेगा। यह निगम उन एजेंसियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा जो नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इसका मकसद आउटसोर्स कर्मचारियों को स्थायित्व और पारदर्शिता देना है।

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