DA Hike Today: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर है। सरकार जल्द ही महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है, जिससे हर महीने की सैलरी में 540 रुपये तक का इजाफा संभव है। यह बढ़ोतरी जुलाई 2025 से प्रभावी मानी जा रही है, और इसे लेकर अंतिम निर्णय सितंबर या अक्टूबर में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लिया जा सकता है।
बढ़ती महंगाई के बीच राहत देने की तैयारी
देश में खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी के चलते केंद्र सरकार महंगाई भत्ते में 3 से 4 प्रतिशत की वृद्धि पर विचार कर रही है। मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 53% डीए मिल रहा है। यदि 4% की बढ़ोतरी होती है, तो यह दर 57% तक पहुंच जाएगी। यह वृद्धि कर्मचारियों की क्रयशक्ति को बनाए रखने के लिए की जा रही है।
जनवरी और जुलाई में होती है समीक्षा
सरकार हर साल दो बार, जनवरी और जुलाई में, डीए की समीक्षा करती है। हालांकि घोषणा किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन इसका असर तय तारीखों से ही माना जाता है। उम्मीद है कि दीपावली से पहले इसका ऐलान हो जाएगा और जुलाई से अक्टूबर तक का बकाया एक साथ दिया जाएगा।
540 रुपये तक बढ़ेगी सैलरी, जानिए कैसे
अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹18,000 है, तो वर्तमान 53% डीए के अनुसार उसे ₹9,990 का भत्ता मिल रहा है। 3% बढ़ोतरी के साथ यह ₹10,440 हो जाएगा, यानी हर महीने ₹540 का इजाफा। जिन कर्मचारियों का मूल वेतन अधिक है, उन्हें इससे और ज्यादा लाभ मिलेगा।
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा महंगाई राहत लाभ
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को डीए की जगह डीआर (Dearness Relief) मिलता है। इसकी दर डीए के समान होती है। यानी जितनी वृद्धि कार्यरत कर्मचारियों को मिलेगी, उतनी ही पेंशनभोगियों को भी। यह उनके मासिक खर्च को सहारा देगा, खासतौर से उन बुजुर्गों को, जिनकी दवाइयों और स्वास्थ्य देखभाल पर ज्यादा खर्च होता है।
जुलाई से मिलेगा लाभ, सितंबर-अक्टूबर में घोषणा संभावित
सरकार जून 2025 के औद्योगिक श्रमिक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों का इंतजार कर रही है। ये आंकड़े जुलाई के अंत तक आने की संभावना है, जिसके बाद सितंबर या अक्टूबर में कैबिनेट अंतिम निर्णय ले सकती है। निर्णय के बाद इसका लाभ जुलाई से बकाया समेत दिया जाएगा।
अस्वीकरण: यह लेख सरकारी सूत्रों और उपलब्ध सार्वजनिक जानकारी पर आधारित है। महंगाई भत्ते में वृद्धि को लेकर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया जाएगा। कृपया आधिकारिक अधिसूचना जारी होने तक किसी भी वित्तीय योजना को अंतिम न मानें।